फारूक अब्दुल्ला राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद, इसके बावजूद रक्षा मामलों की समिति में शामिल किए गए

रक्षा मामलों की संसदीय समिति में शामिल नामों पर विवाद जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली इस अहम समिति में जम्मू-कश्मीर के नजरबंद नेता फारूक अब्दुल्ला को शामिल किया गया है। फारूक राज्य से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही नजरबंद हैं। नजरबंदी के चलते वह संसद के शीतकालीन सत्र में भी शामिल नहीं हो सके। इससे पहले, 21 सदस्यों वाली इस अहम सूची भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा को समिति में शामिल करने पर विपक्षी दलों ने कई सवाल उठाए थे। प्रज्ञा मालेगांव बम धमाकों की आरोपी हैं।


संसद के शीतकालीन सत्र से फारूक की अनुपस्थिति को लेकर कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने सदन में हंगामा भी किया था। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहा, तो कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने संसद आने को उनका अधिकार बताया। नजरबंदी के चलते, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री दिल्ली नहीं पहुंच सके थे।


फारूक अब्दुल्ला सहित कई नेता हिरासत में
5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, मेहबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन सहित कई नेताओं को हिरासत में रखा गया है। इन नेताओं को हाल ही में श्रीनगर के एक बड़े होटल से सरकारी इमारत में भेजा गया है।